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ढेरों बधाइयाँ !!!
कुछ भी कहने से पहले मैं अपने विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती कविता सांघवी जी को दिल से बधाइयाँ देना चाहूँगी। उन्हें ग्लोबल टीचर अवार्ड के लिए चुना गया और उससे भी अधिक वे पूरे भारत की एकमात्र ऐसी शिक्षिका बन गई जिसका नामांकन इस अवार्ड के लिए किया गया है ।
उनके शिक्षण के बारे में क्या कहूँ ? उन्होंने एक शिक्षक की परिभाषा को ही बदल कर रख दिया है । एक साधारण शिक्षक जहाँ सिर्फ ये सोचता है कि कैसे वो अपनी कक्षा का पाठ्यक्रम पूरा करे वहीँ कविता जी ये सोचती हैं कि मैं ऐसा कौन-सा तरीक़ा अपनाऊँ कि छात्रों को ज़्यादा से ज़्यादा समझ में आए । ये उनकी लगन और परिश्रम का ही परिणाम है कि वे आज उस मुकाम पर हैं जहाँ जाना हर किसी के लिए संभव नहीं ।
मुझे पिछले पांच सालों से उनका सानिध्य प्राप्त है और मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व महसूस होता है कि मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। हालांकि वे भौतिक शास्त्र की शिक्षिका हैं और मैं हिंदी की, पर यह भी सत्य है कि सीखने की न कोई उम्र होती है और न भाषा । वे अपनी कक्षा में इतनी सारी गतिविधियां करवाती हैं कि छात्रों की विषय में रुचि बढ़ती जाती है । उनके शिक्षण का सिद्धान्त है - करके सीखना जिसके लिए वे छात्रों को लैबोरेट्री में ले जाकर तरह- तरह के प्रयोग करवाती रहती हैं । उन्हें इस तरह काम करते हुए देखकर हम सभी को प्रेरणा मिलती है और हम पूरे जोश और तैयारी के साथ अपनी कक्षाओं में पढ़ाने जाते हैं ।
जिसप्रकार एक पौधा सिर्फ जल देने भर से फल-फूल नहीं सकता उसे पर्याप्त हवा, धूप और खाद आदि की भी ज़रुरत है उसी प्रकार एक छात्र को केवल किताबी शिक्षा देना ही शिक्षक का उद्देश्य नहीं होना चाहिए बल्कि खेलकूद, कला, नाच-गाना, नाटक मंचन, समसामायिक विषयों आदि को भी बढ़ावा देकर उसके सर्वांगीण विकास का ध्यान रखना भी आवश्यक है । ये मूल मंत्र हमें कविता सांघवी जी ने दिया ।
पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी उनकी संवेदनाएँ किसी से छिपी नहीं हैं । चाहे समुद्र तट की सफाई की मुहिम हो या विद्यालय का ग्रीन मेला उनके जोश को देखकर सभी छात्र जोश से भर जाते हैं और लोगों को पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करते हैं ।
उनके लिए जितना लिखा जाए उतना कम है । इसलिए बस ये ही कहना चाहूँगी -
आपकी सफलता के आसमान में हर रोज़ एक नया सितारा जुड़ता जाए,
और एक दिन ऐसा आए कि उनकी रोशनी देखकर चाँद भी शरमा जाए ।
अंत में इस यकीन के साथ कि जीत आपकी ही होगी, आपको ढेरों शुभकामनाएँ !
और एक दिन ऐसा आए कि उनकी रोशनी देखकर चाँद भी शरमा जाए ।
अंत में इस यकीन के साथ कि जीत आपकी ही होगी, आपको ढेरों शुभकामनाएँ !
- कविता गाँग्यान
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